
कवर्धा नगर पालिका में जारी निर्माण कार्यों को लेकर प्रदेश युवा कांग्रेस के सचिव आकाश केशरवानी ने भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि “नगरवासियों को दिव्य और भव्य कवर्धा का सपना दिखाकर भाजपा शासित नगर पालिका जनहित की योजनाओं को ठेकेदारी और कमीशनखोरी का जरिया बना चुकी है।”
बिना निविदा और वर्क ऑर्डर के हो रहे निर्माण कार्य
आकाश केशरवानी ने बताया कि कवर्धा नगर पालिका परिषद द्वारा दिनांक 7 मई 2025 को चार निर्माण कार्यों के लिए निविदा सूचना जारी की गई थी, जिनमें ये शामिल हैं:

1. वार्ड क्रमांक 9 – ब्रह्मकुमारी सामुदायिक भवन पहुंच मार्ग सौंदर्यीकरण (₹9.75 लाख)
2. पीजी कॉलेज से करपात्री स्कूल लाइब्रेरी तक सौंदर्यीकरण (₹9.75 लाख)
3. वार्ड क्रमांक 17 – खूंटू नर्सरी मार्ग में बिजली व्यवस्था (₹7.00 लाख)
4. वार्ड क्रमांक 1 – भामाशाह भवन से दुर्गा मंदिर तक आरसीसी नाली निर्माण (₹9.50 लाख)
हालांकि, इनमें से पहले दो कार्य निविदा प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही चहेते ठेकेदारों को सौंप दिए गए और बिना वर्क ऑर्डर के लगभग 50% कार्य पूर्ण भी कर लिए गए हैं।
पूर्व में भी जारी रही है अनियमितता की परंपरा
यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी भाजपा शासनकाल में नगर पालिका द्वारा कई कार्य बिना निविदा के सीधे ठेकेदारों को देकर कमीशनखोरी को बढ़ावा दिया गया है।
अधूरे और घटिया निर्माण कार्यों की भरमार
नगर में चल रहे विकास कार्यों की स्थिति चिंताजनक है:

गुरूनाला डबरी तालाब सौंदर्यीकरण (₹20 लाख) – दो महीने से बंद, अधूरा कार्य
गुरूनानक चौक सौंदर्यीकरण (₹15 लाख) – महीनों से अधर में
वार्ड क्रमांक 8 में नई सीसी रोड – निर्माण के कुछ ही समय बाद ध्वस्त
बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी

नगर की सड़कों, नालियों, बिजली, पानी और सफाई व्यवस्था बदहाल स्थिति में है। मानसून करीब है, लेकिन वार्ड क्रमांक 2, 3, 8 और 9 में नालियां गंदगी से अटी पड़ी हैं, जिससे नागरिकों को भारी परेशानी हो रही है।
प्रशासनिक चुप्पी पर उठे सवाल
आकाश केशरवानी ने सवाल उठाया कि प्रदेश के उप मुख्यमंत्री, जो स्वयं कवर्धा के विधायक भी हैं, अक्सर भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े बयान देते हैं, लेकिन नगर पालिका में हो रहे इस खुलेआम भ्रष्टाचार पर मौन क्यों हैं?
युवा कांग्रेस ने इस पूरे मामले की स्वतंत्र जांच, दोषियों पर कार्रवाई, और नगर पालिका में पारदर्शी एवं जवाबदेह प्रणाली की स्थापना की मांग की है।